महंगाई के खिलाफ 19 जून को एस यू सी आई (कम्युनिस्ट) करेगी विरोध प्रदर्शन
देवास। दैनिक जीवन के लिए आवश्यक वस्तुओं के दामों में अन्याय पूर्ण अप्रत्याशित वृद्धि के खिलाफ आगामी 19 जून 2021 को सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया कम्युनिस्ट के द्वारा राज्य स्तरीय विरोध दिवस घोषित किया गया है । इस संबंध में सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया ( कम्युनिस्ट )के मध्य प्रदेश राज्य सचिव कामरेड प्रताप सामल ने अपने वक्तव्य में बताया है कि यह बहुत तकलीफदेह है कि एक ऐसे समय में जब देश की जनता महामारी की मार और लॉकडाउन के कारण भयावह बेरोजगारी और आर्थिक तंगी से जूझ रही है,जब अखबारों में परिवार सहित आत्महत्याओं की खबरें दर्ज हो रही हैं, महामारी से लाखों परिवार अपने परिजनों को खोकर निराधार हो गए हैं ।ऐसी विपत्ति के समय आवश्यकता इस बात की थी कि केंद्र व राज्य सरकार जनता की तकलीफों को कम करने के लिए राहत पहुंचाने के कदम उठाती, अधिक से अधिक लोगों के लिए रोजगार और आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करती और हर जरूरतमंद परिवार को सभी आवश्यक वस्तुएं कम दामों में सुलभ कराती ताकि आम जनता को महामारी से मिले घावों पर मलहम लग पाता और गरीब जनता को भुखमरी से बचाना संभव हो पाता । किंतु इसके विपरीत बहुत दुख के साथ हम देख रहे हैं कि केंद्र व राज्य सरकार जनता की पूरी तरह अनदेखी कर पूंजीपतियों के अधिकतम मुनाफे को सुनिश्चित करने के लिए जनता की लूट की खुली छूट पूंजी पतियों को दे रही है। खाद्य तेल ,दाल, पेट्रोल, डीजल जैसी आवश्यक वस्तुओं के दाम आकस्मिक रूप से नहीं बढ़ रहे हैं अपितु सरकारों द्वारा पूंजी पतियों के मुनाफे को सुनिश्चित करने के लिए एक के बाद एक लाई गई नीतियों का परिणाम है। केंद्र सरकार द्वारा आवश्यक वस्तु अधिनियम1955 में परिवर्तन कर उसे कालाबाजारी और जमाखोरी के खिलाफ अप्रभावी बना दिया गया है परिणाम स्वरूप ‘अदानी ‘जैसे पूंजी पतियों की विशालकाय पूंजी तेल ,दाल जैसी आवश्यक वस्तुओं का असीमित स्टॉक कर मनमाने दाम तय कर रही हैं। सरकार द्वारा खाद्य तेल के आयात पर रोक लगाकर कृत्रिम अभाव निर्मित करने में पूंजी पतियों को सहायता दी जा रही है। पेट्रोल डीजल के दाम तय करने का पूर्ण अधिकार सरकार ने निजी कंपनियों को दे दिया है परिणाम स्वरूप अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल बहुत सस्ता होने पर भी लाभ जनता तक नहीं पहुंच रहा है पूंजीपति अकूत मुनाफा लूटने के लिए मनमाने दाम बढा रहे हैं ,इसको रोकने के बजाय केंद्र सरकार स्वयं 32 रूपयेे प्रति लीटर और राज्य सरकार 13 रूपये प्रति लीटर टैक्स वसूल रही है और लगभग इतना ही मुनाफा निजी कंपनी हर लीटर पेट्रोल पर ले रही है परिणाम स्वरूप आम जनता असहाय अवस्था में लूटी जा रही है रक्त चूसने वाली जोंको की तरह केंद्र व राज्य सरकार की पूंजी पति परस्त नीतियां आम जनता का रक्त निचोड़ कर उसे मौत के मुंह में ले जा रही है। इसके खिलाफ मेहनतकश जनता को जनकमेटियां निर्मित कर दीर्घकालीन ,विशाल जन आंदोलन खड़ा करना होगा ताकि पूंजीपति परस्त नीतियों को नेस्तनाबूद किया जा सके और इस शोषण का खात्मा हो सके। साथ ही हम सरकार से मांग करते हैं कि आवश्यक वस्तु अधिनियम में किए गए संशोधन रद्द करे और पैटोल,डीजल, खाद्य तेल सहित सभी आवश्यक वस्तुएं तार्किक मूल्य पर मिलना सुनिश्चित करे। सभी जरूरतमंदों को सार्वजानिक वितरण प्रणाली से सस्ता और पर्याप्त राशन मिलना सुनिश्चित करे।
महंगाई के खिलाफ 19 जून को एस यू सी आई (कम्युनिस्ट) करेगी विरोध प्रदर्शन
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