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संयुक्त मोर्चा का अनवरत चल रहा आंदोलन
मांगे पूरी होने तक डटे रहेंगे मैदान में अधिकारी-कर्मचारी, मोर्चा का ऐलान
देवास। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के 17 संगठनों के अधिकारी कर्मचारियों ने 22 जुलाई से आंदोलन का शंखनाद कर मण्डुक पुष्कर पर धरना जारी है। पूरे जिले से आंदोलन में शिरकत कर रहे पंचायत सचिवों, ग्राम रोजगार सहायकों, मनरेगा अधिकारी कर्मचारियों, संविदा अधिकारी कर्मचारियों, उप यंत्रियों, डीआरडीए कर्मियों ने एक विशाल रैली धरना स्थल से जिला पंचायत तक निकाली और जिला पंचायत अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह राजपूत को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपकर सरकार तक आवाज पहुंचाने की मांग की। संयुक्त मोर्चा जिला देवास के अध्यक्ष आनंद सिंह ठाकुर एवं जिला संयोजक जतिन चौधरी ने कहा कि चरणबद्ध आंदोलन जारी है। जनप्रतिनिधियों, नेताओं, अधिकारियों के संज्ञान में मांग पत्र लाकर आंदोलनकारियों द्वारा समर्थन मांगा जा रहा है। यह आंदोलन अनवरत रूप से चलता रहेगा। इस अवसर पर मप्र पंचायत सचिव संगठन के प्रदेश महामंत्री धर्मेन्द्र जोशी ने कहा कि पूरे प्रदेश के 23 हजार ग्राम पंचायतों और 52 हजार गांवों में हमारा ग्रामीण विकास का अमला विकास और तरक्की का कर्णधार है। पूरे अमले की असीम मेहनत के परिणाम स्वरूप प्रदेश की सरकार हर कार्यक्रम एवं योजना में देश में प्रथम स्थान प्राप्त करती रही है। लेकिन दुखद यह है कि जो अमला मैदानी स्तर पर सरकार की योजना और कार्यक्रमों का क्रियान्वयन करता है वो ही अपने हक और अधिकार की मांग और रक्षा के लिए आज सडक़ पर उतरकर आंदोलनकारी बनकर खड़ा हुआ है। ग्राम पंचायतों में ताले लगे हुए है। जनपद और जिला पंचायतों में सन्नाटा पसरा हुआ है। अधिकारियों द्वारा प्रदेश स्तर पर वास्तविक ग्राउंड रिपोर्ट नहीं दी जा रही है। ग्रामीणों में अफरा तफरी का माहौल है। हितग्राही मूलक योजनाएं जस की तस पड़ी हुई है। ऐसे में आंदोलन का अनवरत जारी रहना और सरकार का मौन रहना ग्रामीण विकास के अमले में आक्रोश पैदा कर रहा है। इस अवसर पर प्रदेश संगठन मंत्री बलराम जाट, विजय माली, प्रभुसिंह ठाकुर, मनीष पटेल, रंजना जोशी, नरोत्तम शाक्य, महेश्वर दयाल दीक्षित, भावना श्रीवास्तव, सुमन शुक्ला, राखी तिवारी, अमित जायसवाल, संतोष सिंह ठाकुर, विश्वास बघेल, हरीश जोशी, विक्रम सिंह नागर, कन्हैयालाल पटेल, सिंकदर पटेल, सौरभ अग्रवाल, हुकुम मंडलोई, घनश्याम चौधरी, मोहन बड़वाया, दिनेश जसौंधी, जगदीश राजपूत, जगदीश नरवरिया आदि उपस्थित थे।