Kदेवास। छात्र संघर्ष समिति के बैनर तले राज्य व्यापी मांग दिवस मनाया गया। जिसके अंतर्गत छात्रों ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन सौंपकर छात्रवृत्ति व आवास योजना की राशि का अविलंब भुगतान करने, छात्रवृत्ति व आवासयोजना की राशि में कटौती के आदेश रद्द करने, परीक्षा शुल्क वापस करने व समस्त छात्रों को निशुल्क प्रवेश दिए जाने की मांग की । साथ ही प्रदेश के सैंकड़ो छात्रों ने मुख्यमंत्री, स्कूल शिक्षा मंत्री और उच्च शिक्षा मंत्री को ज्ञापन ई मेल किये। चांचौड़ा विधायक लक्ष्मण सिंह, इंदौर सांसद शंकर सिंह लालवानी सहित प्रदेश भर में विधायकों, सांसदों व अन्य जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन सौंपे गए। छात्र संघर्ष समिति के प्रदेश संयोजक मुदित भटनागर ने कहा कि कोरोना महामारी की वजह से जहाँ कई परिवारों ने अपने प्रियजनों को खोया है वही आमजन गहन आर्थिक संकट से गुजर रहे है। छात्र समुदाय भी इससे अछूता नही है। प्रदेश के हजारों छात्रों को छात्रवृत्ति व आवास योजना की राशि पूरा सत्र बीत जाने के बाद भी नहीं मिल सकी है और सरकार ने फरवरी माह में पत्र जारी कर छात्रवृत्ति व आवास योजना की राशि में कटौती कर दी । शासन का यह तर्क कि सिर्फ 5 महीने कक्षाएं लगी है इसीलिए उतनी ही स्कॉलरशिप दी जानी चाहिए, बेबुनियाद है। कोरोना की दोनों लहरों में लगे लॉक डाउन के समय किसी को अंदाज़ा नही था कि हालात कब तक सामान्य होंगे। छात्र स्कूल-कॉलेज खुलने की आस लगाए अपने घरों से दूर किराये के कमरों में रहते हुए कक्षाएं लगने का इंतज़ार करते रहे। महामारी के हालातो में सरकार छात्रवृत्ति व आवास योजना में पांच महीने खर्च का हवाला देकर के कटौती कर रही है। हम इसका कड़ा विरोध करते हैं। बोर्ड परीक्षाएं रद्द होने की घोषणा होने से पहले ही प्रदेश के लाखो छात्र परीक्षा फॉर्म भर चुके थे। समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों के अनुसार मध्य प्रदेश बोर्ड ने छात्रों से परीक्षा फीस के नाम पर 142 करोड एकत्रित किया और इसी तरह प्रदेश के विश्वविद्यालयों ने ओपन बुक परीक्षा के नाम पर 250 करोड़ रुपए परीक्षा फीस इक_ा की। इसी तरह उच्च शिक्षा में जनरल प्रमोशन देकर भी परीक्षा फीस लेकर विभिन्न कक्षाओं में विश्वविद्यालयों ने धन इक_ा किया है। अब चूँकि इस हजारो करोड़ रूपये का उपयोग नहीं होगा और यह छात्रों का पैसा है इसलिए उन्हें वापस दिया जाना चाहिए। छात्र संघर्ष समिति के प्रदेश सहसंयोजक सचिन जैन ने कहा कि सभी छात्रों ने अपनी पिछली कक्षाओं में पूरा प्रवेश शुल्क जमा किया था। साल भर स्कूल-कॉलेज ठीक तरह से नही लग सके। स्थानीय परीक्षा संचालन शुल्क, परिचय पत्र, क्रीड़ा शुल्क, गतिविधि शुल्क, विज्ञान शुल्क, स्नेह सम्मेलन, वाहन स्टैंड आदि मदों में ली गई पूरी फीस विद्यालयों व महाविद्यालयो के पास है और इस सत्र में उस पैसे का उपयोग करते हुए छात्रों को निशुल्क प्रवेश दिया जा सकता। इसीलिए हमने आज सरकार से ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों तरीके से ज्ञापन सौपे गये। जिसके तहत देवास कलेक्टर कार्यालय में जाकर ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन में मांग की गई कि छात्रवृति और आवास योजना की राशि बिना किसी कटौती के अविलम्ब छात्रों के खाते में डाला जाए। सभी छात्रों की परीक्षा फीस तुरंत वापस की जाये। प्रदेश के समस्त विद्यालयो- महाविद्यालयो में सभी कक्षाओं में प्रवेश नि:शुल्क किये जायें। इस अवसर पर विनोद प्रजापति, विजय मालवीय , रोहित राठौर, पिंकेश परिहार, शिवकुमार, सुधीर, गौतम, विनोद डॉनगोलिया, अजय आदि बड़ी संख्या में छात्र उपस्थित रहे।