Covid19FrontlineHealthWorkersAssociation
सरकार की गलत नीतियों की बलि चढ़ते , कोरोना महामारी में जनता को बचाने वाले कोरोना वारियर्स ।
जिन कोरोना वारियर्स ने मानवता और इंसानियत को बचाने उस समय कदम आगे बढ़ाया जब लोग अपने बीमार परिजनों को छूना तो दूर नजदीक आने से डर रहे थे।
आज सरकारी नीतियों का शिकार होकर अपनी जान गवां रहे है।
पिछले दो दिन में नीमच में फांसी लगाकर और ग्वालियर में बीमार स्थिति में भी प्रशासन के दबाव में काम करने के चलते एक कोरोना वारियर्स की जान चली गई।
एक तरफ देश की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था के चलते लाखों लोगों ने अपना जीवन गवाया ,
दूसरी तरफ बदतर हालात में भी जिंदगियों को बचाने के लिए आगे आए कोरोना वॉरियर्स रोजगार विरोधी , युवा विरोधी नीतियों का शिकार हो रहे हैं।
पिछले काफी समय से प्रदेश का अस्थाई कोविड स्टॉफ स्थाई करने की मांग को लेकर आंदोलन संचालित कर रहा है जो की उनका हक और अधिकार है। लेकिन सरकारें उन्हें स्थाई करने की बजाय उनकी मजबूरी का फायदा उठाकर तमाम प्रकार के दबाव बनाकर काम करने को मजबूर कर रही है। जिसके परिणामस्वरूप जान गवाने की घटनाएं सामने आ रही है।
कोविड 19 फ्रंट लाइन हेल्थ वर्कर एसोसिएशन
इन घटनाओं की निष्पक्ष जांच की मांग करता है तथा घटना के आरोपियों पर उचित कार्यवाही की मांग करता है।
● साथ ही साथ कोरोना के दौर में भर्ती किए गए सभी कोरोना योद्धाओं को स्थाई करने की जायज मांग को पूरा किया जाए।
● कोरोना काल में मृत परिवारों को 50,00000 का मुआवजा दिया।
●जाए सभी स्वास्थ्य कर्मियों का निशुल्क ईलाज की व्यवस्था की जाए।