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<span;>देवास| भंडारी फायलस आजाद मजदूर यूनियन देवास के मजदूरों ने बताया कि अक्टूबर 2018 से भंडारी फायलस के मजदूर और कंपनी मैनेजमेंट के बीच गतिरोध बना हुआ है जिसका प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है| कंपनी के द्वारा 250 से अधिक श्रमिकों को केवल अपना हक मांगने की सजा के रूप में बिना किसी वैधानिक प्रक्रिया के नौकरी से निकाल दिया है तभी से यह तमाम मजदूर बेरोजगार होकर दर-दर भटक रहे हैं पीएफ खाते में कंपनी के द्वारा जानबूझकर तमाम जानकारियां पूरी नहीं की है ताकि श्रमिक अपने वेतन से कटे पीएफ का भी उपयोग न कर सकें मजदूरों द्वारा जब खाते में सुधार के लिए आवेदन दिया जा रहा है तो कंपनी मैनेजमेंट इस आवेदन को फॉरवर्ड नहीं कर रहा है जबकि यह उनकी जिम्मेदारी है इस प्रकार श्रमिकों को प्रताड़ित कर उन पर यूनियन और नौकरी से इस्तीफा देकर केस को कमजोर करने के लिए कंपनी द्वारा दबाव बनाया जा रहा है कंपनी के इस कृत्य के कारण श्रमिक अपना पैसा भी पीएफ खाते से नहीं निकाल पा रहे हैं इस संबंध में भंडारी फाइल्स आजाद मजदूर यूनियन द्वारा दिनांक 06:03 2021 को कलेक्ट्रेट कार्यालय देवास में एक ज्ञापन दिया गया था जिसको कलेक्ट्रेट कार्यालय ने श्रम पदाधिकारी देवास को कार्रवाई करने हेतु अग्रेषित कर दिया गया था आज इसी आवेदन पर कार्यवाही कराने के लिए भंडारी फायलस आजाद मजदूर यूनियन के सदस्य श्रम अधिकारी से मिले यहां उन्हें बताया गया कि कोरोना महामारी के कारण उनके आवेदन पर कोई कार्यवाही नहीं की गई पर लेकिन आज हम आपके आवेदन को इंदौर आयुक्त कर्मचारी भविष्य निधि संगठन को अग्रेषित कर रहे हैं | श्रम पदाधिकारी कार्यालय में मिलने वालों मिलने वाले मजदूरों में सुरेश चौधरी अनोखी परमार विनोद पटेल कमल कुमावत बा एडवोकेट राजुल श्रीवास्तव शामिल रहे|