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नेशनल लोक अदालत में राजीनामा से हुआ प्रकरणों का निराकरण
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देवास श्री प्रभात कुमार मिश्रा के मार्गदर्शन में दिनांक 11 सितम्बर 2021 शनिवार को जिले के समस्त न्यायालयों में वृहद स्तर पर ’नेशनल लोक अदालत’ का आयोजन किया गया।
प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देवास श्री प्रभात कुमार मिश्रा द्वारा नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ दीप प्रज्जवलित कर किया गया। शुभारंभ समारोह में श्रीमती सविता सिंह प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय, श्री रमेश कुमार श्रीवास्तव विशेष न्यायाधीश, श्रीमती कृष्णा परस्ते तृतीय जिला न्यायाधीश, श्री विष्णु कुमार सोनी पंचम जिला न्यायाधीश, श्रीमती निहारिका सिंह सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, श्रीमती सविता दुबे द्वितीय जिला न्यायाधीश, श्री नीरज शर्मा प्रथम जिला न्यायाधीश, श्री शिव कुमार कौशल मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी एवं न्यायाधीशगण श्रीमती ज्योति डोंगरे शर्मा,, श्री विष्णुकांत मिश्रा, सुश्री नेहा परस्ते, सुश्री रेखा पाराशर, श्री देवांश अग्रवाल, श्री अब्दुल अजहर अंसारी, सुश्री दिव्या रामटेके, श्रीमती श्वेता अग्रवाल, श्रीमती आफरीन यूसुफजई, श्री राजेश अंशेरिया, श्रीमती विनीता गुप्ता श्रम न्यायाधीश, श्रीमती शक्ति रावत जिला विधिक सहायता अधिकारी, अध्यक्ष अभिभाषक संघ श्री मनोज हेतावल, शासकीय अधिवक्ता श्री सुधीर नागर, सहित लोक अभियोजन अधिकारी श्री राजेन्द्र सिंह भदौरिया, अधिवक्तागण, मध्यस्थगण एवं पक्षकारगण उपस्थित थे।
श्री प्रभात कुमार मिश्रा प्रधान जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देवास द्वारा नेशनल लोक अदालत में अधिक से अधिक प्रकरणों के निराकरण हेतु विद्युत कंपनी, नगर निगम, बैंक, बीमा कंपनी के स्टाॅल पर जाकर तथा प्रत्येक खंडपीठ का भ्रमण कर समस्त संबंधित को लोक अदालत में अधिक से अधिक से अधिक संख्या में प्रकरण के निराकरण हेतु प्रेरित किया गया।
नेशनल लोक अदालत में सिविल, आपराधिक, विद्युत अधिनियम, एनआईएक्ट, चैक बाउन्स, श्रम मामले, मोटर दुर्घटना दावा, बीएसएनएल आदि विषयक प्रकरणों के निराकरण हेतु जिला मुख्यालय देवास एवं तहसील स्तर पर सोनकच्छ, कन्नौद, खातेगांव, टोंकखुर्द एवं बागली में 32 न्यायिक खंडपीठों का गठन किया गया।
नेशनल लोक अदालत में संपूर्ण जिले में न्यायालयों में लंबित प्रकरणों में से 4680 प्रकरण एवं 7509 प्रिलिटिगेशन प्रकरण निराकरण हेतु रखे गए। जिनमें से आपसी सुलह समझौते और राजीनामा द्वारा लंबित प्रकरणों में से 4,82,64,671/-रू. राशि के 696 लंबित प्रकरण एवं 1,64,53,694/-रू. राशि के 2639 प्री-लीटिगेशन प्रकरण निराकृत किए गए ।
नेशनल लोक अदालत में निराकृत प्रकरणों की जानकारीः-
श्रीमती निहारिका सिंह सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देवास द्वारा बताया गया कि- नेशनल लोक अदालत में संपूर्ण जिले में न्यायिक खंडपीठों में न्यायालयों के लंबित प्रकरणों में से राशि रू. 4,82,64,671/-रू. राशि के 696 प्रकरण निराकृत हुए। जिसमें न्यायालयों में लंबित नियमित प्रकरणों में आपराधिक प्रकरण 167, चैक बाउन्स 76, मोटर दुर्घटना दावा के 88, फैमेली मेटर्स 32, सिविल 28, विद्युत 209, विविध 77 प्रकरण निराकृत हुए।
निराकृत 88 क्लेम प्रकरणों में राशि रू 2,30,93,000/- के अवार्ड आपसी समझौते के आधार पर पारित किए गए। नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट के 76 प्रकरण निराकृत हुए जिनमें 1,08,29,941/- रूपये के चैकों की राशि में सेटलमेंट किया गया। 47,78,356/- रूपये की राशि के 28 सिविल प्रकरणों का निराकरण हुआ।
प्रिलिटिगेशन प्रकरणों में रूपये 1,64,53,694/-रू. राशि के 2639 प्री-लीटिगेशन जिसमें बैंक रिकवरी के 34 विद्युत के 293, जलकर के 1237 एवं अन्य 1075 प्रकरण निराकृत हुए।
नेशनल लोक अदालत सफलता की कहानियां
क्लेम प्रकरण में हुआ चैबीस लाख का राजीनामा
1. आवेदक एवं अन्य की ओर से श्री योगेश जोशी अधिवक्ता द्वारा अनावेदकगण के विरूद्ध रूपये 2052500/- की क्षतिधन राशी प्राप्त करने हेतु न्यायालय में आवेदन पत्र प्रस्तुत किया था दिनांक 16.07.2020 को समय रात्री के लगभग 02ः30 बजे मृतक राकेश (परिवर्तित नाम) निवासी राजबिहार कालोनी अपने वाहन से भोपाल से महु जा रहे थे जैसे ही मृतक राकेश भोपाल इंदौर हाइवे रोड पर गा्रम दौलतपुर पुलिया के पास पहुचे कि भोपाल तरफ से प्रतिपार्थी क्र.1 अपने वाहन क्रमांक एम.पी. 09 जी.जी.0839 को तेज गति और लापरवाही पूर्वक चलाते हुए मृतक राजेश के वाहन में पीछे से जोरदार टककर मार दी जिससे मृतक राकेश व अन्य साथ के लोगो को शरीर में गंभीर स्वरूप की चोट लगी घटना स्थल से मृतक राकेश को 108 एम्बुलेंस द्वारा शासकीय अस्पताल सोनकच्छ लाया गया प्रारंभिक उपचार के बाद मृतक राकेश व उनके साथीयों को एम.जी.अस्पताल देवास रैफर किया गया जहा इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई घटना के पूर्व मृतक राकेश रिटायर आर्मी हवलदार था तथा उसे एस.बी.आई. बैंक शाखा चैईथराम में सिक्युरिटी गार्ड के पद पर नियुक्त किया गया था जिससे मृतक राकेश को कुल 42000/-रूपये प्रतिमाह बैंक से तथा आर्मी से पेंशन प्राप्त होती थी आज दिनांक 11.09.2021 को आयोजित नेशनल लोक अदालत में खण्डपीठ क्रं 02 (श्रीमती कृष्णा परस्ते तृतीय जिला न्यायाधीश) के समक्ष समझाईश उपरांत आवेदकगण एवं अनावेदक बीमा कंपनी के मध्य 2400000/-(चैबीस लाख रूपये )रूपये में राजीनामा किया गया हैं। राजीनामा के आधार पर प्रकरण का अंतिम निराकरण किया गया
2. एक अन्य प्रकरण में इस नेशनल लोक अदालत में अभियुक्त एवं उसकी पत्नी के मध्य चल रहे आपराधिक प्रकरण में फरियादी की पत्नी ने बताया कि उसका पति रोज रात को देर से घर आता था। जिससे उसके मन में अन्य शंका होती थी और इसी बात पर उनका आपस में आए दिन झगड़ा हो जाता था। उक्त प्रकरण में माननीय न्यायाधीश एवं खण्डपीठ की सदस्य द्वारा अभियुक्त एवं फरियादी को समझाईश दी गई कि वैवाहिक जीवन में छोटी मोटी घरेलु बातों पर वाद विवाद होते रहते है। प्रकरण में राजीनामा करने से वे अपने वैवाहिक जीवन को लंबे समय तक सुखमय बना सकते है। प्रकरण में फरियादी ने अभियुक्त द्वारा आवेश में आकर की गई गलतियों को क्षमा कर राजीनामा करना व्यक्त किया। न्यायालय द्वारा उभयपक्ष को आश्वस्त किया गया कि वे भविष्य में आपसी समन्वय से गृहस्थी का संचालन करेंगे। इस प्रकार प्रकरण में उभयपक्ष राजीखुशी से अपने घर गये।
3. तहसील न्यायालय कन्नौद के प्रकरण क्र. 24/2019 में पारिवारिक विवाद के कारण दो वर्ष से अलग रह रहे पति पत्नी इस लोक अदालत के माध्यम से राजीखुशी अपने विवाद को भुलाकर अपने घर गये। प्रकरण में पति पत्नी के आपसी विवाद के कारण उनका पुत्र अपनी माॅ के पास पिता के सुख से बंचित रह रहा था। इस प्रकरण में न्यायाधीश महोदय द्वारा समझाईश दी गई। जिसके फलस्वरूप उनके पारिवारिक मतभेद भुलाकर एक दूसरे को माला पहनाई व मिठाई खिलाकर मनमुटाव भुलाकर अपने घर गये।
4. एक अन्य मामले मे प्रार्थी द्वारा प्रतिपार्थीगण के विरूद्ध धारा द.प्र.स. के तहत भरण पोषण हेतु आवेदन पेश किया है प्रार्थीया के दो पुत्र एवं एक पुत्री हैं पति का स्वर्गावास हो चुका था और पुत्र उसका भरण पोषण नही कर रहे है और प्रतिपार्थीगण पृथक पृथक निवास कर रहे है प्रार्थी की उम्र करीब 65 वर्ष है वह गृहकार्य करने में असमर्थ है अतः प्रार्थी ने प्रतिपार्थीगण से 10000 रूपये प्रतिमाह भरण पोषण इलाज हेतु दिलाये जाने की मांग की है। प्रकरण पंजीबंध करने के उपरांत उभय पक्ष को लोक अदालत को नोटीस जारी किया गया नोटीस पर उभय पक्ष न्यायालय में उपस्थित हुए प्रकरण को लोक अदालत मे निकाला गया। उक्त प्रकरण आज नेशनल लोक अदालत में रखा गया है। जिस पर प्रार्थी एवं प्रतिपार्थी के मध्य करीब 60 मिनट की समझाईश के उपरांत प्रतिपार्थी गण अपनी माता को भरण पोषण एवं ईलाज हेतु 5-5 हजार रूपये प्रार्थी को दिये जाने को सहमत हुये प्रतिपार्थीगण को प्रार्थी का बैंक अकाउन्ट दिया गया और प्रतिपार्थी को निर्देशित किया गया कि वे समय समय पर उनके घर देखने भी जाएंगे।इस प्रकार प्रकरण समझाईश के उपरांत पर नेशनल लोक अदालत में निराकृत किया गया
5. एक अन्य मामले में का विवाह दिनांक 03.05.2015 को हिन्दु धर्म के रीति रिवाजों से संपन्न हुआ था उनके संसर्ग से एक संतान पुत्र अमन (परिवर्तित नाम) दिनांक 20.09.2017 को पैदा हुआ था प्रार्थी ने यह प्रकरण विवाह विच्छेद हेतु पेश किया था प्रकरण में प्रार्थी के अनुसार विवाद यह था कि प्रतिपार्थी के माता पिता के साथ रहना नही चाहती थी आये दिन अकारण विवाद करती रहती थी और प्रतिपार्थी कहती थी कि में तुम्हारे साथ नही रहुंगी तुम दुसरी शादी करके दुसरी पत्नी ले आओ और मुझे छोड दो। प्रकरण पंजीबद्ध करने के उपरांत प्रार्थी के अधिवक्ता ने निवेदन किया कि न्यायालय के पूर्व आदेशों और समझाईश का पालन में प्रार्थी एवं प्रतिपार्थी तलाक का केस लगाने के उपरांत साथ साथ रहकर अच्छे से जीवन करने हेतु प्रकरण को नेशनल लोक अदालत मे रखकर समझाईश दी जावे तो प्रकरण में दाम्पत्य संबंधो की पूर्नस्थापना हो सकती है। प्रकरण आज लोक अदालत में रखा गया है जिस पर प्रार्थी एवं प्रतिपार्थी के मध्य करीब 30 मिनट की समझाईश के उपरांत उभयपक्ष एक साथ दाम्पत्य जीवन निर्वहन करने को तत्पर हो गये है अतः उनको समझाईश दी गई कि प्रेम पूर्वक रहकर अपना दांपत्य जीवन पुनः नवीन तरीके से प्रारंभ करे और आपस मे कोई विवाद न करे। उभयपक्ष को न्यायालय से ही पुष्पहार पहनाकर एवं उनका छायाचित्र लेकर उन्हे अपना दांपत्य जीवन पुनः नवीन प्रकार से प्रारंभ करने हेतु शुभकामनाएं देकर विदा किया गया।