किसान आंदोलन भूख हड़ताल व सतत धरने से पहले ही किसान नेताओं की गिरफ्तारी की निंदा
देवास। केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन किसान विरोधी काले कानूनो के खिलाफ देश भर में किसान आंदोलन जारी है इसी क्रम में मध्यप्रदेश में संयुक्त किसान मोर्चा मध्यप्रदेश के आह्वान पर प्रदेश की राजधानी भोपाल में आज से भूख हड़ताल और सतत धरना के आयोजन से पहले ही किसान नेताओं को गिरफ्तारी का आल इंडिया किसान खेत-मजदूर संगठन के राष्ट्रीय महासचिव शंकर घोष ने सरकार की कड़ी निंदा की।
श्री घोष ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार की तरह मध्यप्रदेश सरकार भी पूरी तरह तानाशाही पर उतर आई है। एक तरफ किसान की उपज का वाजिब दाम और लागत सामग्री के व्यापार से कारपोरेट भगाओ की मांग को नजर अंदाज करके किसान विरोधी काले कानूनों को लाया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ किसानों के विरोध करने के मौलिक अधिकारों पर भी हमला किया जा रहा है। कार्पोरेट के पक्ष में सरकार द्वारा किया जा रहा दमन साम्राज्यवादी ब्रिटिश हुकुमत की याद दिलाता है। आज और कल रात में आल इंडिया किसान खेत-मजदूर संगठन के प्रदेश अध्यक्ष उमाप्रसाद, किसान नेता नरेंद्र जायसवाल, मुदित भटनागर सहित आठ से ज्यादा किसान नेताओं की गिरफ्तारी इसका जीता जागता उदाहरण है। मध्यप्रदेश सरकार की इस दमनपूर्ण कार्यवाही की हम पुरजोर निंदा करते हैं और मध्यप्रदेश सहित देशभर के किसानों से आंदोलन को तेज करने की अपील करते हैं।