इलाहबाद हाइकोर्ट ने एक बहुत ही महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए ये कहा कि अब स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत 1 महिने तक रुकने की ज़रूरत नहीं। अब कोर्ट के नोटिस बोर्ड पर लड़के और लड़की का फोटो भी नहीं लगेगा और ना ही दोनों के घरवालों को किसी तरह का नोटिस भेजा जाएगा।लड़का और लड़की अगर बालिग़ है तो वो जिस दिन शादी के लिए एप्लीकेशन देंगे उसी दिन उनकी शादी कोर्ट द्वारा करवा दी जाएगी।
बिना धर्म परिवर्तन किए और नाम बदले बिना की जा सकती है शादी।
स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत दो बालिग़ आपस मैं बिना धर्म परिवर्तन किए या बिना अपना नाम बदले अपनी शादी कर सकते है।स्पेशल मैरेज एक्ट दो व्यस्को को अपना जीवन साथी चुनने का पूरा अधिकार देता है। पहले इस एक्ट के तहत शादि करने के लिए 30 दिन का इंतज़ार करना पड़ता था पर अब इलाहाबाद हाइकोर्ट के फैसले के बाद इस कानून के तहत बिना किसी देरी के हाथों हाथ शादी हो जाएगी।