भाजपा नेताओं के परिवार के पास है 6 से 7 मकान किराए से दे रखें है। रह रहे गरीबों को निकालने की बजाए नगर निगम उन्हें आवंटित करे मकान, कांग्रेस देवास = चाणक्यपुरी स्थित राजीव आवास योजना के अंतर्गत गरीबों के लिए बनाए गए मकान नगर निगम द्वारा विभिन्न गरीब हितग्राहियों को आवंटित किए गए हैं। लेकिन देखने में आया है कि अनेक भाजपा नेताओं ने भी मल्टी में अपने परिवार के सदस्यो के नाम से अलग-अलग पांच से छह मकान खरीद लिए एवं उन्हें किराए पर दे दिया है। जब यह बात सार्वजनिक हुई तो जिन्होंने गरीबों के नाम पर मकान खरीदे थे अब वहीं इन गरीबों से मकान खाली करा रहे हैं। कांग्रेस प्रवक्ता सुधीर शर्मा ने बताया कि मकान खाली कराए जाने से क्षुब्ध करीब 66 परिवार की महिलाओं एवं पुरुषों ने आकर मंगलवार को शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी को पत्र सोपते हुए मांग की कि जिन भवनों में हम रह रहे हैं उनका हम किराया दे रहे हैं उन्हें अभी हम से खाली नहीं कराया जाए साथ ही हमें बनी हुई मल्टी में मकान दिए जाएं जिसके लिए हम नगर निगम द्वारा निर्धारित राशि जमा करने के लिए भी तैयार है। अभी हमें नगर निगम के अधिकारियों द्वारा एवं जिन्होंने मकान खरीद किए हैं उनके द्वारा डराया धमकाया जा रहा है कि मकान तत्काल खाली करो। वहीं पुलिस का भी सहारा लिया जा रहा है। शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी ने कहा कि इसमें नगर निगम की घोर लापरवाही है जो उन्होंने गरीबों के मकान एक ही व्यक्ति को उसके परिवार के सदस्यो के नाम से अलग अलग एक मकान की जगह 5 से 6 तक मकान कैसे दे दिए यह जांच का विषय है इस मे नगर निगम के अधिकारियों की भी मिली भगत है । श्री राजानी ने बड़ी संख्या में आए रहवासियों से कहा कि मुझे आप 3 दिन का समय दीजिए इस संदर्भ में में कलेक्टर श्री शुक्ला एवं निगम आयुक्त से बात करूंगा आपके साथ न्याय होगा गरीबों के मकान गरीबों को ही मिलना चाहिए जिन्हें एक से अधिक मकान मिल चुके हैं उनकी जांच की जाना चाहिए एवं ऐसे मकानों का आवंटन तत्काल निरस्त होना चाहिए। साथ ही पुलिस की भूमिका को लेकर सिविल लाइन थाना प्रभारी संजय सिंह से भी बात की एवं संबंधित पुलिसकर्मी की भूमिका की जांच करने की बात कही । वहीं नगर निगम के कर्मचारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक इन गरीबों को मकान नहीं मिल जाता तब तक इनसे यह मकान खाली नहीं करे जाए नहीं तो कांग्रेस को सड़को पर आकर इनके हक में जबरदस्त आंदोलन करना पड़ेगा जिसकी संपूर्ण जवाबदारी नगर निगम के अधिकारियों की रहेगी ।