आज देवास शहर मैं किसान आंदोलन के समर्थन मैं धरना प्रदर्शन किए गए।एक तरफ जहाँ मंडूक पुष्कर पर AIKKMS ने धरना दिया।वहीं कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व मैं शहर के दूसरे छोर पर किसान आंदोलन के समर्थन मैं धरना दिया गया । देवास । किसान विरोधी काले कानून वापस लेने दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन के द्वारा मंडूक पुष्कर पर किसान पंचायत का आयोजन किया गया। किसान पंचायत संबोधित करते हुए संगठन के राज्य सचिव मनीष श्रीवास्तव ने कहा कि दिल्ली को चारों तरफ से किसान घेर कर बैठा है लोकतांत्रिक सरकार किसान को उसकी राजधानी में घुसने नहीं दे रही। किसान विरोधी कानूनों को जैसे तैसे लागू करने पर तुली हुई है सरकार आंदोलन को हिंदू मुसलमान में बांटने की साजिश रच रही है। लेकिन किसानों की एकजुटता ने इस साजिश को तोड़ दिया इसलिए अब नए नए समिति और झूठे प्रचार प्रसार का सहारा केंद्र सरकार ले रही है। देश में आजादी के बाद इतना बड़ा किसान आंदोलन कभी नहीं हुआ। पंचायत को अभिभाषक हिमांशु श्रीवास्तव ने संबोधित करते हुए कहा कि जब देश का अन्नदाता सड़क पर है तो देश की आवाम को उसका साथ देना चाहिए और उसी साथ के ताकत पर यह काले कानून वापस होंगे। आजादी आंदोलन में भी देश के संपूर्ण लोग अंग्रेजों से नहीं लड़ रहे थे जो लड़ रहे थे उनकी जीत के परिणाम स्वरुप ही देश को आजादी मिली है। इसी प्रकार वर्तमान काले अंग्रेजों से जो लड़ रहे हैं भले ही घर में बैठने वालों से उनकी संख्या कम हो लेकिन उनकी जीत के परिणाम स्वरुप ही शोषण से मुक्ति मिलेगी। आपने कहा कि देश के लोकतंत्र में सत्ता और विपक्ष को जो काम करना चाहिए था वह उसने नहीं किया और इसलिए किसान और मजदूर को सड़क पर निकलना पड़ रहा है । कांग्रेस आज भले ही किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए कानून का विरोध कर रही हो लेकिन अगर कानूनों के बदलाव का इतिहास उठाकर देखा जाए तो कांग्रेस के सत्तासीन रहते ही किसान विरोधी कानूनों को लागू करने की तैयारी की जा चुकी थी। भाजपा और कांग्रेस जैसी तमाम चुनावी पार्टियां केवल उद्योगपतियों से मिलने वाली दलाली के लिए आपस में झगड़ते हैं नीतिगत रूप से इनमें कोई अंतर नहीं है। किसान पंचायत को संगठन के जिला अध्यक्ष रोहित राठौर, विजय मालवीय ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन सुनील सिंह राजपूत ने किया। किसान पंचायत में विभिन्न नेताओं से प्रतिनिधि आमंत्रित किए गए थे करीब 40 गांव से इस किसान पंचायत में प्रतिनिधि शामिल हुए।