- चंद दिनों से हमारे मुल्क में अहमदाबाद की आयशा वाला मामला बहुत ही सुर्खियों में है आयशा वह लड़की है जो रहने वाली अहमदाबाद की है और जिसकी शादी जालौर राजस्थान में आरिफ से हुई थी मियां और बीवी के बीच में जहेज़ को लेकर कोई झगड़ा हुआ और इसी वज़ह से आयशा अपने वालिद के घर अहमदाबाद में रह रही थी आयशा और उसके वालिद ने आरिफ के खिलाफ कोर्ट में केस भी दाखिल कर रखा था जिसका फैसला आयशा ने अहमदाबाद में नदी से कूदकर किया।मरने से पहले आयशा ने एक वीडियो बनाया जो पूरी दुनिया भर में वायरल हो चुका है इस वीडियो में आयशा हंसते हुए कहती है कि मेरी मौत का जिम्मेदार किसी को ना माने जाए।मरने के पहले उसे इस बात का यकीन नहीं है कि उसे जन्नत मिलेगी या नहीं वीडियो में वह कहती है मेरी वीडियो मेरे शौहर तक जरूर पहुंचा देना क्योंकि उसने मुझसे फोन पर कहा है कि जब मरो तो अपनी वीडियो बनाकर भेज देना लेकिन सबसे हटकर जो बात उसने वीडियो में कही है वह ये है कि कुछ मोहब्बतें कभी पूरी नहीं हो पाती मोहब्बत एक तरफा नहीं दोनों तरफ होना चाहिए उसका यह कहना ही साफ तोर पर ये इशारा करता है की आरिफ उससे मोहब्बत नहीं करता था और आयशा उसकी मोहब्बत में दीवानी थी ।आयशा और आरिफ के बीच जो केस चल रहा था उसमें आरिफ के जहेज़ मांगने की डिमांड की गई थी। आयशा का यह मामला बहुत सारे सवाल खड़े करता है इतने सख्त सरकारी कानून बने होने के बावजूद हमारे मुल्क में जहेज़ का लेनदेन कैसे चल रहा है मुस्लिम समाज जो खुद को शरीयत का पाबंद बताने की कोशिश करता है उस समाज में यह बुराई कैसे मौजूद है ।क्या मियां और बीवी के झगड़ों का अंत सिर्फ खुदकुशी है।इससे बेहतर या ना होता की दोनों के बीच सुलह हो गई होती या दोनों के बीच तलाक हो चुकी होती ताकि आयशा अपने शौहर से आजाद हो गई होती।आरिफ को अगर सज़ा मिल जाती तो आयशा कभी खुदकुशी नहीं करती ।तलाक के मामलों को अदालत में इतना क्यों लटका रही है जिससे कि लोग खुदकुशी के लिए मजबूर हो रहे हैं मुस्लिम समाज के धर्मगुरु आखिरकार इतनी गहरी नींद में क्यों सोए हुए हैं कि मुस्लिम नौजवान खुलेआम वीडियो बनाकर खुदकुशी कर रहे हैं ।खुदकुशी को किसी भी तरह की कोई भी सभ्य समाज सही नहीं ठहराता लेकिन आयशा जो हंसते हुए वीडियो बनाती है वह पूरे समाज को इतना भयानक तरीके से डराती है की समाज अपने निम्नतम स्तर पर पहुंच चुका है जहां पर एक लड़की जो अरमानों के साथ दुल्हन बनी होगी उसके अंदर इतनी नफरत भर जाती है कि वह मरते वक्त यह दुआ करती है ए अल्लाह मुझे अब इंसानों की शक्ल कभी ना दिखाना।
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