भंडारी फाईल्स के मजदूरों ने दिया कंपनी के विरुद्ध ज्ञापन
पीएफ खातों में सुधार के आवेदन अग्रेषित करने के बदले कंपनी मांग रही इस्तीफा
देवास। भंडारी फाईल्स आजाद मजदूर यूनियन के बैनर तले मजदूरों ने जिला कलेक्टर के नाम ज्ञापन देते हुए कहा कि, हर माह 10 तारीख तक वेतन देने की मांग पर कंपनी और वर्कर के बीच 2018 से गतिरोध चल रहा है। जिसका प्रकरण न्यायालय में भी लंबित है। लेकिन कंपनी के वर्कर्स का जो पीएफ खाता है उसमें जन्मतिथि नाम की स्पेलिंग, जॉइनिंग डेट आदि के सुधार की आवश्यकता है। सुधार के लिए जब मजदूर आवेदन कर रहे हैं तो नियमानुसार उसे कंपनी से अग्रेषित कराने के लिए जाना पड़ता है। लेकिन कंपनी मैनेजमेंट मजदूरों के आवेदन अग्रेषित नहीं कर रहा बल्कि आवेदन को अग्रेषित करने के लिए वे श्रमिकों से नौकरी से इस्तीफा लिखने को कह रहे हैं। कंपनी की इस तानाशाही और अत्याचार पूर्ण नीति के कारण मजदूर अपने पीएफ खाते में जमा राशि भी इस्तेमाल नहीं कर पा रहे। ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर व भंडारी यूनियन के अध्यक्ष हिमांशु श्रीवास्तव ने बताया कि देवास जिले के तमाम कंपनियों में इसी तरह की धांधली आंचल रही हैं। कंपनी मैनेजमेंट पीएफ जमा नहीं करते। वेतन समय पर नहीं देते, आए दिन मजदूरों को बिना किसी कारण के नौकरी से निकाल देते हैं। इसके विरोध में मजदूरों के आंदोलन को एक हथियार बनाए जाने की जरूरत है। भंडारी कंपनी का मैनेजमेंट भी मजदूरों को प्रताडि़त कर रहा है और न्यायालय में चल रहे प्रकरण को भी प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है। ऐसे में कलेक्टर महोदय से मामले का संज्ञान लेते हुए तमाम मजदूरों के पीएफ खाते में सुधार के आवेदनों को अग्रेषित कराने की मांग की गई है। प्रीमीयर कंपनी के श्री दुबे ने बताया कि प्रीमीयर कंपनी भी बंद कर मैनेजमेंट फरार है। मजदूरों को लॉकडाउन से पहले किए हुए काम का भी वेतन नहीं मिला है। यही हालत देवास की अन्य कंपनियों की भी है। ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर के जिला सह सचिव ओमप्रकाश अहिरवार ने बताया कि यदि प्रशासन मजदूरों के पक्ष में आकर खड़ा नहीं होगा तो मजबूरी में सड़कों पर मजदूर आंदोलन को उतारना पड़ेगा।
ये हो वो कंपनी जो PF के नाम पर मज़दूरों को करती है ब्लैकमेल
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