सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाईकोर्ट के एक जज की टिप्पणी पर स्वत: संज्ञान लिया है. कर्नाटक हाईकोर्ट के जज ने एक मामले की सुनवाई के दौरान बेंगलुरु के मुस्लिम बाहुल्य इलाके को मिनी पाकिस्तान कहा था. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सख्ती दिखाते हुऐ 5 जजों की बेंच ने कर्नाटक हाईकोर्ट से जवाब मांगा है.
जस्टिस वेदव्यासचार श्रीशानंद ने 28 अगस्त 2024 को सुनवाई के दौरान गोरी पाल्या( कर्नाटक के बेंग्लारू शहर का एक मुस्लिम बाहुल्य इलाका)को मिनी पाकिस्तान (Pakistan) बताया और कहा कि “यहां कानून लागू नहीं होता”। उन्होंने यह भी कहा कि “गोरी पाल्या से मैसूर फ्लाईओवर तक का इलाका पाकिस्तान में है, भारत में नहीं।” जज श्रीशानंद किराया नियंत्रण अधिनियम से संबंधित मामले की सुनवाई कर रहे थे।
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, सीजेआई जस्टिस चंद्रचूड़, जस्टिस राजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस ऋषिकेश रॉय की बेंच ने इस पर कर्नाटक हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से रिपोर्ट मांगी है. बेंच ने कहा, “हमारा ध्यान न्यायिक सुनवाई के दौरान कर्नाटक हाईकोर्ट के जस्टिस वी श्रीशानंद द्वारा की गई कुछ टिप्पणियों की ओर आकर्षित हुआ है. हमने एजी और एसजी से सलाह मांगी है. हमने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से कोर्ट को एक रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है.
सोशल मीडिया के युग में हम पर कड़ी नजर रखी जाती है- सीजेआई
CJI चंद्रचूड़ ने जज की टिप्पणी पर संज्ञान लेते हुए अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी से कहा, हम कुछ बुनियादी दिशानिर्देश तय कर सकते हैं. इस दौरान सीजेआई ने कहा, सोशल मीडिया के इस युग में, हम पर कड़ी नजर रखी जाती है और हमें उसके अनुसार कार्य करना चाहिए।
जस्टिस श्रीशानंद के दो वीडियो वायरल
लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, कर्नाटक हाईकोर्ट के जज जस्टिस श्रीशानंद के दो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं, इनमें वे विवादास्पद टिप्पणी करते नजर आ रहे हैं. इसमें वे एक में बेंगलुरु के मुस्लिम बाहुल्य इलाके को मिनी पाकिस्तान कहते नजर आ रहे हैं. वहीं, दूसरे वीडियो में वे महिला वकील पर असंवेदनशील टिप्पणी करते नजर आ रहे हैं. वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने भी इस वीडियो को शेयर किया है.
लोग दे रहे हैं तीखी प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर ये दोनों वीडियो तेजी से वायरल हो रहे हैं। लोग जज की बातों पर गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। इसमें सुप्रीम कोर्ट की वकील इंदिरा जयसिंह भी शामिल हैं। उन्होंने दोनों वीडियो को ट्वीट करके अपनी आपत्ति दर्ज की है। साथ ही उन्होंने कहा कि हम भारत के मुख्य न्यायाधीश से इस जज के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करने और उन्हें लिंग संवेदीकरण प्रशिक्षण के लिए भेजने का आह्वान करते हैं।
आपको बता दें की बंटवारे के बाद से ही हमारे देश में मिनी पाकिस्तान नामक मिथ्यावादी सिंड्रोम से एक बड़ा वर्ग ग्रस्त रहा है लेकीन किसी हाई कोर्ट के जज द्वारा इस तरह का शब्द पहली बार सुनने को मिला हैं।
दरअसल भारत के किसी भी शहर में जहां कही कोई घनी आबादी वाला मुस्लिम इलाका होता है उसे मिनी पाकिस्तान कह कर देश के मुस्लिम समाज के खिलाफ़ एक माहोल बनाने की कोशिश की जाती रही है।
वैसे इस मामले में देश के सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर ये स्पष्ट संदेश दिया है की देश में बांटने वाली विचारधारा का न्यापालिका मे कोई स्थान नहीं हैं।