“खाना चाहिए तो जय श्री राम बोलो” वायरल वीडियो पर इमरान प्रतापगढ़ी ने नबी की हदीस की पोस्ट
इस समय सोशल मीडिया पर एक वीडियो जम कर वायरल हो रहा है। वीडियो में एक बुजुर्ग आदमी एक अस्पताल के बाहर खाना बांट रहा है। खाना लेने के लिए लंबी कतार लगी हुई है। एक व्यक्ती कतारबद्ध लोगों से कहता नज़र आता है कि जिसे राम नहीं बोलना हो वो लाईन में खड़ा ना हो तभी एक महिला चेहरे पर पर रुपट्टा बांधे उस व्यक्ती से बहस करती नजर आती है और खाना बांटने वाले शख्स पर आरोप लगाते हुए कहती है कि ये खाना देने के पहले सबसे जय श्री राम का नारा लगाने का कह रहा है।
वीडियो बनाने वाला शक्स खाना बांटने वाले से बहस करने लगता है और वहां मौजुद और भी लोगों से पूछता है कि क्या ये सही है की एक मुसलमान अगर जय श्री राम नहीं बोलेगा तो उसे खाना नहीं मिलेगा। वीडियो में खाना बांटने वाले शख्स को वीडियो बनाने वाले पर गुस्सा भी आता है।
खाना बांटने वाले शख्स और महिला के बीच तू-तू मैं-में भी होती दिखाई पड़ती है। खाना बांटने वाला बुजुर्ग और उसकी सहायता करने वाले लोगो को देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि ये किसी संस्था से जुड़े लोग है जो अस्पतालों के बाहर मरीजों और उनके परिजनों को खाना बांटते है।
वीडियो मुंबई के कैंसर हॉस्पिटल के सामने का बताया जा रहा है। मज़हबी नारा लगाकर खाना बांटने वाले शख्स का उद्देश्य बिल्कुल स्पष्ट है कि वो उसके मजहब के अलावा किसी अन्य मज़हब के अनुयायी को खाना देने का इच्छुक नहीं हैं।
वीडियो को लेकर अब लोगों की तीखी प्रतिक्रिया भी आना शुरू हो गई है। कांग्रेसी नेता इमरान प्रतापगढ़ी ने सोशल मीडिया एकाउंट पर पैग़म्बरे इस्लाम की एक हदीस को पोस्ट करते हुए लिखा है कि
हमारे पैग़म्बर हजरत मुहम्मद साहब ने कहा था कि यदि आपका पड़ोसी भूखा है तो आप पर ख़ाना हराम है। वो पड़ोसी चाहे कोई भी हो, किसी भी धर्म का हो।
मुंबई पुलिस ने बुजुर्ग शख्स को भेजा नोटिस
फिलहाल मुंबई पुलिस मामले की जांच कर रही है. मुंबई की भोईवाड़ा पुलिस ने मामले का संज्ञान लिया है. इस मामले में जिस शख्स पर आरोप है कि वह ‘जय श्री राम’ बोलने के बाद ही खाना दे रहा था, उसके खिलाफ नॉन कॉग्निजेबल ऑफेंस दर्ज किया है और उसे नोटिस दी है. नोटिस में कहा गया है कि उसे शांति रखनी होगी, अगर उसकी वजह से लॉ एंड ऑर्डर का मुद्दा बनता है तो कार्रवाई की जाएगी