कोरोना काल में निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूली की शिकायत लेकर पहुंचे पालक संघ के साथ स्कूल शिक्षा मंत्री के अमर्यादित व्यवहार के खिलाफ छात्र संगठन ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स आर्गेनाइजेशन (एआईडीएसओ) ने स्थानीय हनुमान चौराहे पर सांकेतिक प्रदर्शन किया और अमर्यादित बयान की प्रतियां जलाई गईं। एआईडीएसओ के प्रदेश अध्यक्ष श्री मुदित भटनागर ने बयान जारी करते हुए कहा कि कोरोना लॉकडाउन के कारण विषम आर्थिक परिस्थिति में आम जनता के हालात किसी से छिपे नहीं हैं। कोरोना महामारी के पीड़ादायक समय में जहां अभिभावक जन भयंकर बढ़ती बेरोजगारी, बेतहाशा महंगाई के चलते घोर आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं। पिछले डेढ़ साल से कोई स्कूल नहीं लगे हैं, नाममात्र के लिए कुछ ऑनलाइन क्लासेस हुई हैं। लेकिन निजी स्कूलों द्वारा पूरी फीस वसूली जा रही है। जब इस शिकायत को लेकर मंगलवार 29 जून को भोपाल में पालक संघ के सदस्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार से मिलने पहुंचे तो अभिभावकों के साथ सहानुभूति रखते हुए समस्या का समाधान करने के बजाय शिक्षा मंत्री के द्वारा अभिभावकों को दो टूक जवाब में कह दिया गया की “जो करना है करो… जिससे शिकायत करनी है कर दो…. मरना है तो जाकर मर जाओ” जैसे बेहद अमर्यादित और निष्ठुरता पूर्ण शब्दों का प्रयोग किया गया। हम शिक्षा मंत्री के इस गैरजिम्मेदाराना और अमर्यादित व्यवहार की कड़े शब्दों में निंदा करते है।
गुना जिला अध्यक्ष अजीत सिंह पंवार ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान जहां उम्मीद थी हमारी सरकारें आम जनता को राहत देंगी, लेकिन उस पर एक के बाद एक आर्थिक प्रहार किया जा रहा है। जब स्कूल लगे ही नही तो फीस किस बात की वसूल जा रही है, यही साधारण सा सवाल अभिभावक कर रहे हैं। वहीं सरकार में बैठे मंत्री और जनप्रतिनिधियों के द्वारा दिया ऐसा बयान सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करता है की वो किसके साथ खड़ी है। लगातार अभिभावकों की मांग पर कुछ महीनों पहले ही हाईकोर्ट द्वारा आदेश जारी करते हुए कहा था कि कोरोना काल चलने तक निजी स्कूल अभिभावकों से केवल ट्यूशन फीस लें। बावजूद इसके निजी स्कूल ट्यूशन फीस के अलावा दूसरी मदों में भी फीस वसूल रहे है और तो और कई निजी स्कूल फीस में लगातार बढ़ोतरी भी कर रहे हैं। सरकार द्वारा इसको रोकने के लिए कोई नियम नहीं बनाया गया बल्कि इस स्थिति में भी निजी स्कूलों को 10% फीस बढ़ाने की पूरी छूट दी गई है, कई निजी स्कूल तो मनमानी करते हुए 30-50 फीसदी तक फीस में बढ़ोतरी कर रहे हैं और सरकार उन्हें छिपे तौर पर बढ़ावा दे रही है। कोरोना महमारी के चलते स्कूल बंद है, लॉकडाउन के समय में निजी स्कूलों द्वारा 25% से भी कम स्टाफ से काम लिया जा रहा है । यहां तक कि अध्यापन कार्य में संलग्न स्टाफ को भी पूरी तनख्वाह तक नहीं दी जा रही है । इस तरह बड़े स्तर के निजी
स्कूल शैक्षणिक -तकनीकी कार्यों पर कम से कम खर्च कर ऑनलाइन कक्षाओं संचालित कर कम लागत में भारी मुनाफा लूट रहे हैं।
एआईडीएसओ लगातार बिना किसी कटौती के छात्रों की छात्रवृति का तुरंत भुगतान करने, परीक्षा नहीं तो परीक्षा फीस वापस करने, स्कूल कॉलेज में अन्य मदों जिनका उपयोग हुआ ही नहीं उन्हें माफ करने और वापस करने, निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूली पर रोक लगाने की आदि मांगों को लेकर कई महीनों से आंदोलन संचालित कर रहा है। हम स्कूल शिक्षा मंत्री श्री इंदर सिंह परमार से अपने बयान को वापस लेने, अभिभावकों से माफ़ी मांगने और फीस वृद्धि पर रोक लगाने की मांग करते हैं।
छात्र संगठन ए आई डीएसओ ने सरकार द्वारा निजी स्कूलों की बढ़ती मनमानी फीस वसूली पर रोक लगाने और फीस संबंधी निर्णयों पर सामूहिक चर्चा में स्कूल प्रशासन के साथ-साथ अभिभावक संघ के प्रतिनिधियों को भी शामिल किए जाने की माँग करता है।
द्वारा नारायण सिंह चंदेल गुना ज़िलासचिव AIDSO