मध्यप्रदेश के अशोकनगर जिले की चंदेरी तहसील में नगर पालिका सीएमओ द्वारा 52 मास्टर कर्मियों को नगर निगम की सेवाओं से हटा दिया गया जिसकी वजह से उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया।पिछले 8 से लेकर 10 वर्षों से यह मास्टर कर्मी अपनी सेवाएं चंदेरी नगर पालिका को दे रहे थे लेकिन वित्तीय संकट का हवाला देते हुए इन्हें बंद कर दिया गया कोरोना काल में इन्हीं मास्टर कर्मियों ने नगर पालिका के लिए बेरीकेट्स लगाने से लेकर श्मशान में अर्थियो को जलाने तक का कार्य किया था लेकिन एकदम इन्हें बंद कर दिया गया जिस का विरोध करते हुए मास्टरकर्मी नगरपालिका के सामने भूख हड़ताल पर भी बैठे हुए हैं एक तरफ देश में जानलेवा महंगाई बढ़ती जा रही है और रोजगार का कोई पता नहीं है ऐसे में चंदेरी नगरपालिका का यह निर्णय सरकार के द्वारा बताया जा रहा चहुँमुखी विकास के दावों की कलई खोल देता है।