नीमच
सुप्रीम कोर्ट के आदेश को आंख दिखाते नीमच नगरपालिका के अधिकारी,चला दिया बीमार बेवा के घर पर बुलडोजर।
हाल ही में देश की सर्वोच्च अदालत ने बुलडोजर एक्शन पर नाराज़गी ज़ाहिर करते हुऐ इसे पुरी तरह गैर कानूनी बताया है। लेकीन बेलगाम होती अफसरशाही सर्वोच्च न्यायालय का भी सम्मान नहीं कर रहीं है।
बुलडोजर एक्शन का ताजातरीन मामला नीमच ज़िले का है।नीमच नगरपालिका के अधिकारीयों ने मंगलवार को एक 80 वर्षीय बुजुर्ग बेवा महिला के टीन शेड पर सामने खड़े रहकर बुलडोजर चला दिया ।नगरपालिका ने ना सिर्फ 80 साल की बीमार बुजुर्ग महिला को घर से बेघर किया बल्कि सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश की भी धज्जियां उड़ा दी जिसमे सर्वोच्च न्यायालय ने प्रदेश सरकार व अन्य किसी संस्था पर पूरी तरह बुलडोजर एक्शन पर रोक लगा दी है।
80 वर्षीय बरकत बी एमपीईबी कार्यालय के पास बीते 45 सालों से निवास कर रही थी। जिन्हे तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा साल 2008 मे बरकत बाई पति यूसुफ खान के नाम पट्टा भी मिला हुआ है। बावजूद इसके बरकत बी के टीन शेड को बुलडोजर से धाराशाई कर दिया।
आपको बता दे की नीमच नगरपालिका के बुलडोजर एक्शन के वक्त बरकत बी इलाज कराने बड़नगर गई हुई थी। घर पर ताला लगा हुआ था। और इसी ताला लगे टीन शेड पर बहुत ही बेरहमी से बुलडोजर चला कर पाई पाई जोड़ इकठ्ठा की गई बरकत बी की गृहस्थी को तहस नहस कर दिया गया।
आप कोन
जिस वक्त बुलडोजर एक्शन बरकत बी के घर पर हो रहा था उसी समय उनके रिश्तेदार रईस ने ओरिजनल पट्टा दिखाते हुऐ कार्यवही को रोकने को कहा। रईस का ये भी कहना था की हमे नगर पालिका द्वारा आज तक कोई नोटिस भी नहीं मिला हैं।
लेकीन बजाय कार्यवाही रोकने के रईस को अधिकारी द्वारा तल्ख लहजे में ये कहते हुऐ सुना जा सकता है की “आप कोन”
गंदगी का साम्राज्य था इसलिए गिरा दिया
मीडिया को जानकारी देते हुए नीमच नगरपालिका cmo ने कहा की उक्त टीन शेड में भयंकर गंदगी का साम्राज्य था इसीलिए हमने इस पर बुलडोजर की कार्यवाही की है।
मामला पंहुचा APCR के पास
नीमच के ही सामाजिक कार्यकर्ता और पूर्व पार्षद हारून रशीद ने इस पूरे मामले से APCR से अवगत कराया है।
पिछले दिनों ही सुप्रीम कोर्ट ने एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स (APCR )की याचिका पर देश भर में बुल्डोजर कार्यवाही पर रोक लगाई गई थी।
सामाजिक कार्यकर्ता हारून रशीद का कहना है की बरकत बी के टीन शेड पर बुलडोजर की कार्यवाही भूमाफियाओं के दबाव में नगर पालिका द्वारा की गई है।बरकत बी की गलती सिर्फ इतनी है की वह जमीन बेशकीमती है। जो भूमाफियाओं को खटक रही है। सामाजिक कार्यकर्ता का कहना है की समय – समय पर भूमि स्वामी(बरकत बी)और उनकी पुत्री को विस्थापन से लेकर मकान दुकान का लालच दिया गया उसके बाद जब बात नही बनी तो आखिरकार बौखलाहट मै घर को दबंगई और असंवैधानिक तरीक़े से उजाड़ दिया गया। जो कि सुप्रीम कोर्ट की आदेश की अवेहलना है।