सावित्रीबाई फुले की जयंती पर महिला सांस्कृतिक संगठन ने आयोजित की परिचर्चा
छात्राओं, महिलाओं, बच्चियों पर बढ़ते अपराधों के कारण पर रखे वक्ताओं ने विचार_
देवास|
महिला सांस्कृतिक संगठन की देवास जिला इकाई द्वारा प्रथम शिक्षिका सावित्रीबाई फुले की जयंती के अवसर पर “महिलाओं बच्चियों पर बढ़ते अपराध” विषय पर परिचर्चा आयोजित की| परिचर्चा की शुरुआत में सावित्री बाई फुले की तस्वीर पर पुष्प अर्पित किए गए इसके बाद श्रीमति मंजू ने सावित्रीबाई फुले के जीवन संघर्ष पर प्रकाश डाला l इसके बाद परिचर्चा में वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए| प्रोफेसर मीना ने कहा कि आज महिलाएं कहीं भी सुरक्षित नहीं है, चाहे वह मोहल्ला हो, स्कूल हो, घर हो या कार्यस्थल हो, आए दिन छेड़खानी, बलात्कार, सामूहिक बलात्कार जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं जो सभ्य समाज को दहला देती है, इन घटनाओं को रोकने के लिए हमको आगे आना होगा और इसकी शुरुआत अपने घर परिवार से करनी होगी| हमें महिलाओं की स्थिति को समझना होगा। महिलाओं को इंसान कम और एक उत्पाद ज्यादा समझा जाता है इसलिए महिलाओं की अगर स्थिति सुधारना है तो उन्हें शिक्षित करना होगा। जब देश से जाति, धर्म, वर्ग, लिंग, आदि का भेदभाव खत्म होगा तभी हम सही मायनों में सावित्री बाई फुले को सच्ची श्रद्धांजली अर्पित कर पाएंगे| इंदौर से आईं अखिल भारतीय महिला सांस्कृतिक संगठन, इंदौर की अध्यक्ष अर्शी खान ने कहा कि आज समाज में महिलाएँ सुरक्षित नहीं है। छोटी बच्ची से लेकर वृद्ध महिला तक बलात्कार, सामूहिक बलात्कार, घरेलू हिंसा की शिकार हो रहीं है। महिलाओं का शोषण जारी है।
सरकार द्वारा इसे रोकने के लिए कोई कारगर उपाय नहीं किए जा रहे हैं, बल्कि नशा, अश्लीलता को बढ़ावा दिया जा रहा है। नई शराब नीति ने शराब को और सस्ता किया है जो नशे के कारोबार को बढ़ाएगी। इन सबके खिलाफ हमें आंदोलन भी करना होगा तथा सांस्कृतिक गतिविधियां भी संचालित करनी होगी| इस अवसर पर श्रीमति कुसुम बागड़े मेडम ने महिलाओं की स्थिति से जुड़ी कविताओं का वाचन किया| परिचर्चा में श्रीमती सीमा, श्रीमति पूर्णिमा जाधव, ने भी अपने विचार व्यक्त किए कार्यक्रम का संचालन वाणी जाधव ने किया |