एस. यू.सी.आई (कम्युनिस्ट) के मध्यप्रदेश राज्य सचिव कॉम प्रताप सामल ने कोरोना महामारी के दौरान प्रदेश के लगभग 3000 जूनियर डॉक्टर द्वारा सामूहिक इस्तीफा दिए जाने की खबर और अपनी मांगों के समर्थन में हड़ताल के लिए मजबूर होने की स्थिति पर चिंता जताते हुए प्रदेश सरकार से इस विषय पर तुरंत सकारात्मक पहल करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि यह कोई अकस्मात घटना नहीं है और इसके पीछे प्रदेश की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था और सरकारी लापरवाही जिम्मेदार है। उन्होंने सवाल उठाया कि पिछले 6 महीने से जब जू.ड़ा अपनी मांगों को उठा रहे थे तब उन पर सहानुभूति पूर्वक विचार क्यों नहीं हुआ ? उनकी 6 मई की हड़ताल खत्म करवाने के दौरान चिकित्सा शिक्षा मंत्री द्वारा जो आश्वासन दिए गए थे उन पर अगर अमल किया जाता तो यह नौबत नहीं आती। प्रदेश की जर्जर जन स्वास्थ्य सुविधाओं को सुधारने के बजाय प्रदेश सरकार ने कोविड काल में भी 2020-21 के बजट में चिकित्सा शिक्षा और जन एवं परिवार कल्याण जैसे मदों में आवंटन में 12%( 403 करोड़ )की भारी कटौती की। कोविड महामारी के दौर में भी नर्सों एवं अन्य चिकित्सा तकनीशियनों और यहां तक कि डॉक्टरों को भी 3 महीने और कई बार उससे भी कम समय के लिए ठेके पर रखा गया, और स्थाई नौकरी की मांग करने वाले कोरोनावरियर्स स्वास्थ्य कर्मियों पर राजधानी में बर्बर लाठीचार्ज किया गया। उन्होंने कहा कि विशेषकर कोरोना की दूसरी लहर के समय प्रदेश के भोपाल,इंदौर,ग्वालियर जैसे बड़े शहरों समेत, सभी जिला अस्पतालों एवं मेडिकल कॉलेजों में व्याप्त भारी अव्यवस्थाओं का खामियाजा जो प्रदेश की जनता को अपनों की जान की कीमत चुका कर भुगतना पड़ा है,उसे हमने अत्यंत पीड़ा के साथ महसूस किया है। इसके साथ ही, तमाम संसाधनों की कमी के बावज़ूद कोरोना काल में अपनी अविचल सेवाएं देने वाले इन जूनियर डॉक्टरों को अगर अपनी जायज़ मांगों के लिए, और सरकार की वादाखिलाफी के चलते आंदोलन की राह लेनी पड़ी, है तो इन सभी हालातों के लिए, प्रदेश सरकार की नीतियां ही एकमात्र ज़िम्मेदार हैं।
उन्होंने जू.डॉ के घर पुलिस भेजने,उनके अभिभावकों को धमकाने की सरकार की कार्यवाही की कड़े शब्दों में निंदा की, और मांग की है कि सरकार जुड़ा की सभी न्यायोचित मांगों को पूरा कर प्रदेश की जनता के हित में इस अवरोध को अविलंब समाप्त करे,और वर्तमान परिस्थिति की गंभीरता को देखते हुए उन्हें तत्काल वापिस काम पर ले।
*जारीकर्ता*
*उमाप्रसाद बिस्वास*
*राज्य कार्यालय सचिव*
*एस.यू.सी.आई(कम्युनिस्ट)*
*मध्यप्रदेश*
जू.डॉ की न्यायोचित माँगों को पूरा कर तुरंत काम पर वापिस लें-प्रताप सामल राज्य सचिव SUCI(कम्युनिस्ट)
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