वार्ड क्रमांक 9 के कांग्रेसी पार्षद दीपेश कानूनगो ने देवास महापौर निवास में निवास निर्माण को लेकर संभागायुक्त को की शिकायत
देवास
।वार्ड क्र. 09 के पार्षद पं. दीपेश कानूनगो ने संभागायुक्त संजय गोयल से चर्चा कर उन्हें देवास नगर निगम द्वारा महापौर निवास के निर्माण कार्य में विसंगतियों एवं भ्रष्टाचार की आशंका को लेकर एक पत्र सौंपा जिसमें उन्होंने बताया कि देवास नगर निगम में महापौर श्रीमती गीता दुर्गेश अग्रवाल एवं नगर निगम के इंजीनियरों द्वारा महापौर निवास के नवीनीकरण एवं निर्माण के नाम पर भारी भ्रष्टाचार किया जा रहा है।
महापौर द्वारा इस हेतु तीन तरह केे टेंडर पास किए गए हैं। जिसमें पहला टेंडर जीर्णाेद्धार के नाम पर दिया गया जिसकी लागत 28 लाख 33 हजार 913 रू है जो कि 20.10.2022 को पास किया गया। दूसरा टेंडर प्रथम तल के नाम पर जिसकी लागत 32 लाख है जो कि 17.04.2023 को पास किया गया। तथा तीसरा टेंडर दिनांक 21.09.2023 को शेष कार्य पूर्ण करने के नाम पर दिया गया जिसकी लागत 29 लाख 47 हजार रूपये है। इस प्रकार से लगभग 90 लाख रूपये के टेंडर निर्माण के नाम पर पास किए गए है। महापौर निवास में 30 लाख रूपये फर्नीचर का कार्य किया जा रहा है एवं विद्युत सामग्री के नाम पर 25 लाख रूपये खर्च किए जा चुुकेे हैं। इस प्रकार से लगभग 1 करोड़ 45 लाख रूपये खर्च किए जा रहे है। इसके अलावा अन्य खर्चे भी है। एक ही कार्य केे लिए तीन तीन टेंडर पास करना भारी भ्रष्टाचार की ओर संकेत करता है। प्रथम तल के नाम पर टेंडर पास किया लेकिन निर्माण दो मजिला है। पं. कानूनगो ने संभागायुक्त से मांग की है कि महापौर निवास निर्माण में भ्रष्टाचार बारीकी से जांच करवाई जाए तथा इसमें दोषी पाए जाने पर दोषियों पर उचित कार्यवाही की जाए। इस मामले को लेकर संभागायुक्त संजय गोयल ने उचित कार्यवाही के लिए आश्वासन दिया। पं. कानूनगो ने बताया कि नगर निगम में कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं दिया जा रहा है वहीं महापौर निवास में करोड़ों रूपये का खर्च किया जा रहा है। वेतन केे अभाव में निगम के कर्मचारी परेशान हो रहे है, कचरा संग्रहकों को भी वेतन नहीं मिल रहा है जिससे कि शहर में कचरा संग्रहण नहीं हो पा रहा है और शहर में जगह जगह पर कचरे के ढेर देखने को मिल रहे हैं और शहर की सुंदरता खराब हो रही है। पं. कानूनगो ने कहा कि इस मामले में यदि उचित कार्यवाही नहीं होती है तो मैं सात दिवस के पश्चात संबंधित अधिकारियों पर आर्थिक अपराध में प्रकरण दर्ज करवाउंगा।