राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री एवं कृषि मंत्री के नाम दिया ज्ञापन
किसानों की मांग अबकी बार सोयाबीन सात हजार पार
देवास। राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ ने जिलाध्यक्ष गगन सिंह पटेल के नेतृत्व में राज्यपाल, मुख्यमंत्री एवं कृषि मंत्री के नाम जिलाधीश कार्यालय में ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में बताया गया कि वर्तमान खरीब सत्र में सोयाबीन के भाव कम से कम सात हजार एवं कपास के भाव 10 हजार रूपये प्रति क्विंटल से कम न हो। लागत अनुसार किसान हित में बहुत जरूरी है।
वर्तमान में यह फसलें सन 1010-11 के भाव पर ही बिक रही है। देश के किसानों द्वारा उत्पादित समस्त कृषि उत्पादों एवं दूध, फल, सब्जी आदि के सीटू $ 50 फार्मूले के आधार पर लागत अनुसार लाभकारी समर्थन मूल्य स्थापित किया जाए व संपूण्र कृषि उत्पादन निर्धारित गारंटी का कानून प्रभावी किया जाए। राजस्व के एच्छिक नामांतरण बंटवारे के एक प्रकरणों का निराकरण गति प्राप्त कर चुका है, इसके लिए धन्यवाद परंतु राजस्व में शासकीय गोए गोचर भूमि, सीमांकन चिन्ह, चांदे, मीनारे तथा बंदोबस्त के दौरान नक्शेे, खसरे बी-1 का सुधार नहीं हुआ है। यह त्रुटियां राजस्व विभाग द्वारा की गई है। इसे शासकीय त्रुटी मानते हुए तत्काल सुधार जावे। नक्शों का दुरस्तीकरण बंदोबस्त पूर्व के नक्शों से मिलान कर किया जाए। कृषि उपज मंडी अधिनियम 1972 धारा 34 के अनुसार किसी भी कृषि उपज मंडी में उस उपज के समर्थन मूल्य से नीचे क्रय विक्रय न किया जाए, इसे अधिनियम में दंडनीय अपराध माना गया है। इसका सख्ती से पालन करवाया जाए। देशी गो संरक्षण हेतु उसके घी, दूध, गौमूत्र आदि की उपयोगिता को देखतेे हुए उचित भाव निर्धारित किए जाएं, घी, गौ मूत्र को औषधि का दर्जा दिया जा ताकि लोगों की मानसिकता गौ वंश के प्रति सकारात्मक हो सके। भूमि अधिग्रहण कानून को किसान हितेषी बनाते हुए वर्तमान में चल रहे विभिन्न निर्माण कार्य में कृषि योग्य भूमि का अधिग्रहण ना किया जाए। यदि ऐसा होता है तो किसान को अधिग्रहित भूमि का बाजार भाव से 10 गुना मुआवजा प्रदान करतेे हुए भूमि रकबा व मुआवजा राशि की सूचित उपलब्ध कराई जाए। सागर जिले की बीना तहसील में किसानों के आंदोलन के तहत सभी मांगें अक्षरश पूरी की जाए। प्रदेश में जहां किसानों के रकबे की सीमाए वन्य रकबे से सटी हुई है, यहां वन कृषि राजस्व विभागों के सामूहिक सर्वे प्राथमिकता से करवाकर किसानों को वह उपस्थित रकबे को पूर्ण करते हुए स्थाई सीमाएं स्थपित की जाए। वन प्राणियों द्वारा किसानों की फसलें चौपट की जाती है उसका मुआवजा किसानों को ग्राम पंचायत के प्रमाण पत्र को मान्य करतेे हुए दिया जाए। मूंग की फसल समर्थन मूल्य पर बिके हुए डेए माह से उपर हो चुका है और अभी तक कई किसानों का भुगतान नहीं हुआ है,
जबकि नियम अनुसार फसल के पैसो का भुगतान एक सप्ताह में किया जाए। जिले के करीब 600 किसानों का भुगतान बाकी है। इसमें सतवास तहसील के 145 किसानों का 23256220 का भुगतान बाकी है। उक्त समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान किया जाए अन्यथा उग्र आंदोलन किया जाएगा। जिसकी संपूर्ण जवाबदारी शासन प्रशासन की होगी।
इस अवसर पर प्रदेश उपाध्यक्ष लालसिंह बागवान, कैलाश पाटीदार, संतोष जाट, भगवानसिंह गुर्जर, मेहरबानसिंह सेंधव, बलराम गोठी, रूघनाथसिंह पोनासा, विजेन्द्रसिंह सेंधव, हरिसिंह, सलीम शेख, रामसिंह, मूलचंद जाट, विक्रमसिंह नेता, लाखनसिंह बावडिया, मुकेश सहित सैकड़ों किसान उपस्थित थे। उक्त जानकारी जिला मीडिया प्रभारी संदीप प्रजापति ने दी।