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क्या ज्ञापन देने के लिए भीड़ का होना ज़रूरी हैं?

ByM. Farid

Aug 25, 2024

महाराष्ट्र के अहमदनगर के रामगिरी महाराज ने पैगंबरे इस्लाम मोहम्मद साहब पर जो आपत्तिजनक टिप्पणी की है उसके बाद देश भर का मुस्लिम समाज गुस्से में है और रामगिरी के खिलाफ़ FIR दर्ज करने को लेकर देश भर में मुस्लिम समाज द्वारा ज्ञापन भी दिए जा रहें हैं। इसी मामले को लेकर मध्यप्रदेश के छतरपुर में थाने पर ज्ञापन देने गई भीड़ द्वारा पुलिस पर ही पथराव कर दिया गया।

जिसमें कुछ पुलिसकर्मी घायल भी हो गए। इस मामले में छतरपुर पुलिस ने 200 लोगों को आरोपी बनाया हैं।

इसके बाद छतरपुर के ही रसूखदार कांग्रेसी नेता शहजाद अली का 12 करोड़ का मकान बुलडोजर से तोड़ दिया गया।

दरअसल पुलिस FIR में शहजाद अली को मुख्य आरोपी बनाया गया है तभी से शहजाद अली परिवार सहित फरार भी है।

सोशल मीडिया पर शहज़ाद अली ने एक वीडियो पोस्ट कर घटना को साजिश बताया है।शहजाद अली के मुताबिक भीड़ मैं असामाजिक तत्व घुस गए और उन्होने पत्थरबाज़ी की घटना को अंजाम दिया।

छतरपुर की घटना के विरोध में एकजुट हुआ देश भर का मुस्लिम समाज।
जिस तरह से छतरपुर ज़िला प्रशासन ने थाने में हुए पथराव को लेकर बिना किसी विभागीय जांच के शहज़ाद अली का 12 करोड़ का मकान तोड़ा है इसे लेकर देश भर के मुस्लिम समाज में काफी रोष हैं। क्योंकि छतरपुर में जो भीड़ थाने पहुंची थीं उसका मकसद पैगंबरे इस्लाम के बारे में कही गई आपत्तिजनक टिप्पणी का विरोध दर्शाते हुए एक ज्ञापन थाना प्रभारी को देना था ना की कोई हिंसा फैलाना। शाहजाद अली के मुताबिक पथराव के समय वो उच्च अधिकारीयों के साथ देते हुए पत्थरबाजों को रोकने की कौशिश कर रहा था।

देश का मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने भी मकान तोड़ने का किया विरोध।
अमूमन इस तरह की घटनाओं में देखा जाता है कि कांग्रेस चुप ही रहती है।लेकिन पहली ये पहली बार है की मुख्य विपक्षी दल छतरपुर की घटना को लेकर काफी मुखर है। प्रियंका गांधी ,दिग्विजय सिंह,जीतू पटवारी जैसे कई बड़े कांग्रेसी नेता इस घटना का सोशल मीडिया पर खुलकर विरोध किया है।

वैसे छतरपुर की घटना से देश भर के मुस्लिम समाज को सबक भी सीखना चाहिए की किसी भी घटना के विरोध प्रदर्शन के लिए किसी भीड़ का होना ज़रूरी नहीं हैं।ज्ञापन अगर चार लोग भी देंगे तो उसका उतना ही महत्व रहेगा जितना की चार हज़ार लोगों के देने पर होगा। क्योंकि भीड़ में पता नहीं कोन पत्थर चला देगा और फिर किसी शहजाद अली का मकान बिना किसी विभागीय जांच के ताबड़तोड़ तोड़ दिया जाएगा।

 

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