*किसने कहा कि वहार का आना मुहाल है,हम सब समझ रहे हैं यह दुश्मन की चाल है….*
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सांझी शहादत साझी विरासत सप्ताह के समापन के अवसर पर आयोजित किया कवि सम्मेलन.
आरोन … भगत सिंह यादगार मंच आरोन द्वारा राम प्रसाद बिस्मिल ,अशफाक उल्ला खान, राजेंद्र लाहरी ,ठाकुर रोशन सिंह को याद करते हुए सांझी शहादत सांझी विरासत सप्ताह के कार्यक्रम के समापन के अवसर पर स्थानीय गोस्वामी उत्सव वाटिका में कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। इस कवि सम्मेलन में प्रदेश के कई जाने-माने कवियों ने शिरकत की। कार्यक्रम के शुरूआत में आरोन बस हादसे के मृतकों को दो मिनट का मोन रखकर श्रद्धांजली दी गई
मनीष श्रीवास्तव ने अपना कलाम पढ़ते हुए कहा…
बच्चों को विदेशों में वो खुद के पढ़ाते हैं,
तलना यूँ पकोड़े भी रुजगार में शामिल हैं।
बीमार की खिदमत भी क्या खाक करेंगे ये,
ये हास्पिटल खुद ही बीमार में शामिल हैं
हरकत अर्पित ने कहा…
लम्हा लम्हा मरकर जीने वालों से पूछो
अपने आप को ज़िंदा रखना, कितना मुश्किल है..
प्रदीप सेन ने कहा…हमारे भाव की देखो यही अनुकृतियां हैं
दिखेगा जो लिखेंगे वो यही प्रवृत्तियां हैं
खलील राजा ने कहा ,
किये जा शौक से तू संगवारी,
यहां घर कांच का कोई नहीं है ।
मुबारक गुनावी ने शेर पढ़ते हुए कहा…
वो जिसको रसाई देता है ,बस उसी को दिखाई देता है
शोर गुल से भला क्या हासिल ,खामोश रहो तो सुनाई देता है।
अजीम देवासी ने शेर कहा…
किसने कहा बाहर का आना मुहाल है ,
हम सब समझ रहे हैं यह दुश्मन की चाल है ..
सुनील चीनी ने कहा,
उजाले के रंगों का तिलिस्म टूट गया.
जब पत्थर से जीवन का प्रिज़्म टूट गया
चोट तो सिर्फ़ दिल पर लगी थी लेकिन
दर्द से सारा का सारा ज़िस्म टूट गया..
कवियों ने अपने शानदार काव्य पाठ से श्रोताओं का मन मोह लिया। कवियों ने अपने काव्य पाठ में शहीदों और देश प्रेम से ओत प्रोत रचनाओं का पाठ करके संजीदा माहोल बनाया ।
कवि सम्मेलन का संचालन भगत सिंह यादगार मंच के गुना जिला संयोजक श्री लोकेश शर्मा ने किया।
कवि सम्मेलन की अध्यक्षता सागर से पधारे रामवतार शर्मा जी ने की। आभार प्रदीप आर बी ने व्यक्त किया, कार्यक्रम संयोजन सिद्धान्त साहू, निहार सोनी, जितेंद्र और साथियों ने किया